Transformer Theory in Hindi



ट्रांसफार्मर क्या है 

   
एक ऐसा स्थिर उपकरण जो विधुत ऊर्जा को  एक सर्किट से दूसरे सर्किट में बिना फ्रीक्वेंसी बदले ट्रांसफर करता है उसे ट्रांसफार्मर कहते है। ट्रांसफार्मर केबल ए सी पर ही कार्य करता है यह हाई वोल्टेज को लो वोल्टेज में  बदलता है और लो वोल्टेज को हाई वोल्टेज में बदलता है।  ट्रांसफार्मर में कोई भी घूमने वाला भाग नहीं होता। ट्रांसफार्मर म्युचुअल इंडक्शन के सिद्धांत पर कार्य करता है। जो ट्रांसफार्मर हाई वोल्टेज को लो वोल्टेज में बदलता है  उसे स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर कहते है और जो ट्रांसफार्मर लो वोल्टेज को हाई वोल्टेज में बदलता है स्टेप  ट्रांसफार्मर कहते है। ट्रांसफार्मर की दक्षता काफी अधिक होती है लगभग 97 % । ट्रांसफार्मर में एक लोहे की एक कोर होती है जो सॉफ्ट आयरन की बनी होती है कोर पर दो अलग अलग इंसुलेटेड वाइंडिंग होती है।  जिस वाइंडिंग से सप्लाई दी जाती है उसे प्राइमरी वाइंडिंग कहते है और जिस वाइंडिंग से सप्लाई ली जाती है उसे सकेंडरी वाइंडिंग कहते है।



ट्रांसफार्मर  जरुरी भाग -
          टैंक बॉडी - टेंक स्टील का बना होता है इसकी मोटाई 5 12 मि मि होती है इसका साइज ट्रांसफार्मर की क्षमता द्वारा निश्चित किया जाता है। ट्रांसफार्मर तेल ,वाइंडिंग और कोर आदि को ट्रांसफार्मर के अंदर रखा जाता है।  टेंक में जंग न लगे इसके लिए टैंक को पेंट इत्यादि किया जाता है।
       ट्रांसफार्मर तेल -  ट्रांसफार्मर में तेल का अहम रोल होता है। तेल ट्रांसफार्मर की वाइंडिंग को ठंडा रखने के साथ - साथ इंसुलेशन का कार्य भी करता है।
      वाइंडिंग - ट्रांसफार्मर में दो प्रकार की वाइंडिंग होती है प्राइमरी वाइंडिंग और सेकंडरी वाइंडिंग। कोर पर भी दो प्रकार की वाइंडिंग होती है - Concentric winding , sandwitch winding .
       कंजरवेटर टेंक - यह एक गोल टेंक है तथा मेंन टैंक के ऊपर है इन दोनों टेंको को एक ही पाइप से फिट किया जाता है। इसे एक तिहाई तेल से भरा जाता है। जब तेल अधिक गर्म हो जाता है तो फ़ैल कर कंजरवेटर टेंक में आ जाता है और तेल ठंडा होने पर वापिस मैं टैंक में आ जाता है।
      ब्रीदर - इसमें सिलिका जेली भरी होती है और ऊपरी भाग में तेल भरा होता है यह पाइप द्वारा कंजरवेटर टेंक में जुड़ा होता है।  सिलिका जेल  प्रकार का रासायनिक प्रदार्थ है जो नमी को सोख लेता है। सिलिका जेली का रंग नीला होता है। पर नमी चूसने के बाद कुछ पिंक या सफ़ेद सा होने लगता है
    बकहोल्स रिले - बकहोल्स रिले टेंक और कंजरवेटर टेंक जोड़ने वाले पाइप में लगा होता है यह ट्रांसफार्मर की एक सुरक्षा रिले होती है।  जैसे ही ट्रांसफार्मर में कोई दोष उत्पन्न होता है यह रैली उसकी सुचना देती है और तुरंत ट्रांसफार्मर को सर्किट से अलग कर देती है।