D.C MOTOR IN HINDI



डी. सी. मोटर क्या होती है  -

D.C motor in hindi - एक ऐसी मशीन जो विधुत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलती है वह मोटर कहलाती है।  मोटरें दो प्रकार की होती है - ( 1 ) ए. सी. मोटरें  (2 )  डी. सी. मोटरें। - डी सी मोटरों की बनावट बिलकुल डी सी जनरेटरों की तरहा होती है।  डी सी मोटर और डी सी जनरेटर में केवल इनपुट और आउटपुट सप्लाई का ही अंतर होता है।   डी सी मोटर में विधुत ऊर्जा को यांत्रिक  बदला जाता है जबकि डी सी जनरेटर में यांत्रिक ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में बदला जाता है। डी सी मोटर एलेक्ट्रोमैग्नेट ड्रैग के सिद्धांत पर कार्य करती है। इस सिद्धांत के अनुसार जब किसी चुंबकीय क्षेत्र में करंट युक्त कंडक्टर रखा जाता है तो कंडक्टर पर एक घुमाव बल टॉर्क उत्पन्न है।  इसी सिद्धांत पर डी सी मोटर कार्य करती है।
विधुत चुम्बकीय खिंचाव ( Electromagnetic Drag in hindi) -
            प्रेरित विधुत धरा ( Back E.M.F ) के कारण आर्मेचर भी अपना एक मैगनेट फील्ड स्थापित करता है।  यह मैगनेट फील्ड आर्मेचर को उसकी घुमाव दिशा के विपरीत दिशा में घूमने का प्रयास करता है , यह प्रयास विधुत चुम्बकीय खिचाव कहलाता है।  यही खिंचाव ही डी सी मोटर के आर्मेचर के घूमने की गति के रूप में यांत्रिक ऊर्जा  है। 
Back E.M.F in hindi - बैक इ.एम.एफ. -
जब किसी मोटर के आर्मेचर को फिल्ड पोल के चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो वह फिल्ड पोलों द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय फ्लक्स को काटता है जिसके कारण फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के नियम अनुसार कंडक्टर में E.M.F पैदा होती है।  कंडक्टर में उत्पन्न इ.एम.एफ. दी जाने वाली वोल्टेज के विरोध में कार्य करती है और इसी लिए इसे बैक ई एम एफ कहते है . Back e.m.f  की दिशा फ्लेमिंग के बाएं हाथ के नियम के अनुसार ज्ञात की जाती है यह मोटर में जनरेटिंग प्रभाव है तथा यह मोटर में लगाई गई वोल्टेज के विपरीत होता है।  इसे काउंटर इ एम एफ भी कहा जाता है (counter emf) । 



HP SECRETARIAT CLERK VACANCY


CLERK VACANCY HP SECRETARIAT  2015  -

           Dear reader you are informed that according to Divya Himachal news paper on dated - 27 may 2015 Himachal Pradesh Secretariat opening recruitment 291 posts of Clerk Vacancy on Contract basis & contract will be renewed every one year . Required Qualification is Graduateand . And Typing speed is required 30 word per minut in English and 25 word in hindi . If you are graduate and you are eligible to this post so please don't miss this chance in your hand . Salary 8000/- Par month . Fore more information please visit hp secretariate's site . 

           बहुमूल्य पाठकों आपको यह जानकार बहुत ही हर्ष होगा कि हिमाचल प्रदेश सचिवालय ने क्लर्क पदों के लिए कांटेक्ट बेसिस पर 291 पोस्टें निकली है। आप में अगर लग्न है तो आप यह नौकरी प्राप्त कर सकते है।  शैक्षणिक योग्यता स्नातक रखी गई है तथा टाइपिंग स्पीड 30 शब्द इंग्लिश में और हिंदी ने 25 शब्द रखी गई है।  वेतन 8000 रुपये प्रतिमाह होगा।  यह भर्ती हिमाचल प्रदेश चयन बोर्ड द्वारा की जाएगी जिसका ऐलान चयन बोर्ड जल्दी  ही कर देगा इस लिए आप समय समय पर चयन बोर्ड की वेबसाइट देखें। आवेदकों का चयन लिखित और मौखिक परीक्षा द्वारा होगा। अगर आप और अधिक जानकारी चाहते है तो कृप्या करके हिमाचल प्रदेश सचिवालय की वेबसाइट देखें।  यह जानकारी दिव्य हिमाचल अख़बार दिनांक 27 मई 2015 द्वारा जारी की गई है। 

What is Fuse in hindi




फ्यूज क्या है 

                               किसी सर्किट में फ्यूज एक बचाव यंत्र है जो वायरिंग को शार्ट सर्किट होने पर सर्किट को इलेक्ट्रिकल सप्लाई से अलग कर देता है तथा सर्किट को होने वाले नुकसान से बचाता है। सुरक्षात्मक एसेसरीज में फ्यूज़ सबसे प्रमुख है। अथवा हम कह सकते है कि किसी विधुत सर्किट का वह भाग जो सर्किट में असमान्य करंट आने पर सर्किट को सप्लाई से अलग कर देता है फ्यूज कहलाता है। फ्यूज के कुछ प्रकार  प्रकार है -

मिनी सर्किट ब्रेकर  -

               आजकल एम. सी. बी. फ्यूज के स्थान पर प्रयोग किया जा रहा है। ( mcb - mini circuit breaker) मिनी सर्किट ब्रेकर को आसानी से स्थापित किया जा सकता है।  यह ओवर लोड करंट के चौथे भाग पर ही सर्किट को तोड़ देता है।  इसमें फ्यूज बदलने की आवश्यकता नहीं होती केवल नोब ऊपर उठाने पर ही सर्किट पुनः शुरू हो जाता है।  इसके ऑफ  होने की स्थिति को देख कर दोष वाले सर्किट का पता चल जाता है। यह फ्यूज से कही जयादा सुरक्षित भी है।  यह देखने में सुन्दर भी लगते है।



इ. एल.सी.बी. - अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर 

                 जब किसी सर्किट में अर्थ  फाल्ट होता है तो अर्थिंग के कारण जमीं में आने वाले करंट की मात्रा काफी अधिक होती है इस स्थिति पर अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर ( E.L.C.B) सर्किट को तोड़ कर केवल मनुष्य को करंट लगने से ही नहीं बचाता अपितु सर्किट को सुरक्षा भी प्रदान करता है।
(RCCB - Residual Current Circuit Breaker) आर.सी.सी.बी. - रेजिड्युल करंट सर्किट ब्रेकर -               आर सी सी बी भी एक सुरक्षात्मक एसेसरीज है जो 30 ma से 300 ma तक की रेंज में उपलब्ध होता है है। यह बहुत जल्दी आपरेट होता है यह महंगा भी होता है यह  मेंन स्विच के स्थान पर प्रयोग किया जाता है यह काफी भरोसेमंद है।  

D.C.Generator in hindi


डी. सी . जनरेटर 

         एक ऐसी मशीन जो यांत्रिक ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में बदलती है उस मशीन को जनरेटर कहा जाता है। जनरेटर मुख्यतः दो प्रकार के होते है - ऐ. सी. जनरेटर और डी. सी. जनरेटर।  अभी हम डी. सी. जनरेटर की चर्चा करेंगे - डी सी जनरेटर वे जनरेटर होते है जो यांत्रिक ऊर्जा को डी सी विधुत ऊर्जा में बदलते है। यह भी  दो प्रकार के होते है।  डी सी जनरेटर फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के सिद्धांत पर कार्य करता है। इसके अनुसार जब किसी चुम्बकीय फ्लक्स में किसी चालक को रख कर इस प्रकार गतिमान या घुमाया जाता है की वह अपनी गति से चुम्बकीय बल रेखाओं को काटे तो चालक में विधुत वाहक बल ई एम एफ  उत्पन्न हो उठता है और यह तब तक उत्तपन्न होती रहती है जब तक चालक चुम्बकीय  रेखाओं को काटता रहता है इस पैदा हुए विधुत वाहक बल का मान काटे जाने वाले फ्लक्स के समानुपाती होता है।  पैदा हुई ई.एम. एफ. आलटरनॅटिंग होती है तथा ए सी को डी सी में बदलने के लिए कम्यूटेटर का प्रयोग किया जाता है। डी.सी.  जनरेटर के दो प्रकार होते है - 
(1) सेपरेटली एक्साइटेड डी  जनरेटर। 
(2 ) सेल्फ एक्साइटिड डी सी जनरेटर। 
               (1) सेपरेटली एक्साइटेड डी  जनरेटर -  यह वे जनरेटर होते जिनमे फिल्ड वाइंडिंग को डी सी सप्लाई बाहरी स्त्रोत से दी जाती है इस प्रकार डी सी जनरेटरों में पोलों पर की गई वाइंडिंग में  करंट गुजरने पर फ्लक्स उत्पन्न होता है फिल्ड वाइंडिंग को बाहरी सप्लाई बैटरी या डायनमो द्वारा दी जाती है और आर्मेचर में उत्पन्न विधुत वाहक बल को बाहरी लोड के लिए सप्लाई किया जाता है।  
               (2 ) सेल्फ एक्साइटिड डी सी जनरेटर - यह वो  जनरेटर होते है जिनमे  वाइंडिंग को डी सी सप्लाई आर्मेचर द्वारा दी जाती है।  जब आर्मेचर पोलों के बीच में घूमता है तो पोलों में रेजिड्युल मैग्नेटिजम के द्वारा आर्मेचर में कुछ ई एम एफ पैदा हो जाता है जिसके करण फिल्ड पोलों में थोड़ी सी चुम्बकता बढ़ जाती है और  वाइंडिंग  में करंट बहने लगता है। जब तक चुम्बकीय पोल सेंचुरेटिड हो जाते तब तक यह प्रक्रिया चलती रहती है। और यह सब सैकिण्डों में हो जाता है। इस प्रकार जनरेट में विधुत वाहक बल उत्तपन्न हो जाता है।  सेल्फ एक्साइटड जनरेटर के प्रकार -
 डी सी शंट जनरेटर 
सीरीज़ जनरेटर 
कंपाउंड वाउन्ड जनरेटर 

POLY PHASE SYSTEM IN HINDI

पोली फेज

जब इलेक्ट्रिकल सप्लाई में एक से अधिक फेज इस्तेमाल किये जाते है तो इसे पोली फेज कहा जाता है जैसे कि दो फेज़, तीन फेज , छः फेज आदि । हमारे भारत में तीन कल- तीन फेज सप्लाई का काफी प्रयोग किया जाता है क्यों कि थ्री फेज सिस्टम काफी लाभ दायक है । पोली फेज की दक्षता काफी अधिक है । इसमें चालक की बच्चत होती है । पोली फेज का पॉवर फेक्टर अच्छा होता है । पोलिफेज के ट्रांसफार्मर अधिक निपुणता वाले होते है तथा वजन में कम वजनी जोते है । अल्टर्नेटरो को सिंक्रोनाइज करना सरल है । दी गई पॉवर सप्लाई की मात्रा के लिए कम मोटी तार प्रयोग होती है जिसके करण ताँबे की बचत होती है । पोली फेज मोटरों का टार्क अच्छा होता है है पोली फेज मोटरें अच्छा टार्क प्रदान करती है ।सामान आउटपुट के लिए मशीन सिंगल फेज की अपेक्षा छोटी होती है । पोली फेज मोटरें सेल्फ स्टार्ट होती है । पोली फेज में दोष ढूंडना सरल है।





विधुत परिचय -

विधुत भी एक ऊर्जा का ही एक रूप है ओर यह कार्य करने की क्षमता रखती है। विधुत परमाणुओं में एलैक्ट्रोनॉ के असंतुलन के कारण  उत्पन होती है। 
विधुत भी एक ऊर्जा का ही एक रूप है ओर यह कार्य करने की क्षमता रखती है। आज के युग में विधुत का अहम् व महत्वपूर्ण योगदान है। बिजली को देखा नहीं जा सकता परंतु इसे मासूस किया जा सकय है और इसके प्रभावों को देखा जा सकता है। आधुनिक काल में विभिन्न प्रकार से इसे प्रयोग किया जा रहा है यहाँ तक कि हम यह भी कह सकते है आज के जीवन काल में विधुत के बिना कुछ भी संभव नहीं । कैसे छुडाएं विधुत झटके में चिपके व्यकित को -
यदि कोई मनुष्य विधुत शाक में फस जाये तो तुरंत बिजली का मैनस्विच बंद कर देना चाहिए यदि मेन स्विच तक पहुंचना असंभवन हो तो तुरंत व्यकित को किसी कुचालक माध्यम से अलग करना चाहिए कुचालक  माध्यम से अभिप्राय  लकड़ी ,कपड़ा,रबड़, इत्यादि से है । विधुत शाक से अलग करने के बाद उक्त व्यकित को प्राथमिक चिकित्सा देनी चाहिए क्योकि यह अत्यन्त आवश्यक है । यदि पीड़ित के शरीर पर घाव हो तो इस प्रकार लिटाये कि घाव न दबे ।यदि साँस लेने में तकलीफ हो तो कृत्रिम साँस देनी चाहिए । झटका लगे मनुष्य को प्रथमिक चिकित्सा के बाद तुरंत ही चिकित्सालय पहुंचाए ।
ओह्म का नियम 

किसी चालक में बहने वाला करंट चालक के दोनों सिरों पर लगने वाले विधुत वाहक बल के समानुपाती होता है परंतु भौतिक अवस्थाएं स्थिर होनी चाहिए।सर्वप्रथम वोल्टेज,करंट,और प्रतिरोध के सम्बन्ध को जार्ज साइमन ओह्म ने प्रस्तुत किया था जिस करण इसे ओह्म् के नियम से जाना जाता है ।