अकेला जायेगा

छोड़ कर सारे वतन को,
आप अकेला जाएगा ।।
बाँदा कहता काया मेरी,
माया का अभिमान किया ।
चाँद सा तेरा बदन यह,
खाक में मिल जायेगा ।।
बालपन लड़कपन में खेला,
जवानी में सोता रहा ।
बुढा हुआ मारने लगा,
फिर खाट में गिर जायेगा ।
कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी,
जोड़ कर धर जायेगा ।
जब निकलेंगे प्राण तेरे,
सब यहाँ का यहाँ रह जायेगा ।।
करना है सो कर ले बन्दे,
फिर पाछे पछतायेगा ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
करनी का फल पायेगा ।।