मुरली काहे बजाई

मुरली काहे को बजाई साँवरिया
मेरी सूद बुध खो गई साँवरिया
सांवरिया बोलो सांवरिया ।। मुरली ।।

मैं तो चली थी माखन। बेचन - 2
नैना मेरे श्याम को देखन
भूल गई मैं तो गागरिया ।। मुरली ।।

मैं तो गई थी यमुना नहाने
कान्हा लग गयो बन्सी बजाने
सिर पे बांधी घाघरिया ।। मुरली ।।

मैं तो गई थी जमुना नहाने 
चूल्हे में लगी थी आग जलने
नैना ने चूल्हा बुझा दिया ।। मुरली ।।

गौ को चली थी चारा देने
उसको रोटी खिला दी मैंने
सास को चारा डाल दिया ।। मुरली ।।